
भोपाल | अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर विगत 17 माह से शांति पूर्वक धरने पर बैठे हैं।ओबीसी चयनित शिक्षक 17 माह से मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार से अनुनय विनय कर रहे हैं तथा मध्य प्रदेश सरकार के प्रत्येक मंत्री से अनेक बार मिले है और उन्हें अपनी न्यायोचित मांगों के लिए ज्ञापन सौंपा है । ओबीसी चयनित शिक्षकों की प्रमुख मांग है कि विभाग द्वारा प्रथम नियोजन प्रक्रिया में होल्ड किया गया ओबीसी 13% आरक्षण बहाल किया जाए तथा प्रथम प्रक्रिया के शेष 5935 पदों पर चयन सूची तत्काल प्रभाव से जारी की जाए।

शिक्षक भर्ती नियम 8.3 के अनुसार प्रथम काउंसलिंग जनजाति कार्य विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग ने पृथक पृथक कराई जिसके कारण/विभाग परिवर्तन के कारण प्रभावित अभ्यर्थियों को मेरिट के क्रम में नियुक्ति प्रदान की जाए तथा शिक्षक भर्ती नियम 28/08/2018 की परिशिष्ट 2 नियम ब (1) तथा ब (5) के अनुसार योग्यता के आधार पर अनारक्षित वर्ग में चयनित अभ्यर्थियों का चयन पुन: अनारक्षित वर्ग में किया जाए इस क्रम में प्रभावित अभ्यर्थियों को तत्काल प्रभाव से नियुक्ति प्रदान की जाए। उल्लेखनीय है मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण का पूरा पूरा लाभ शिक्षक भर्ती में प्रदान किया जाए इन्हीं मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। उनसे मिलने के लिए पूर्व शिक्षा मंत्री श्री दीपक जोशी, श्री सज्जन सिंह वर्मा एवं राज्यसभा सांसद राजमनी पटेल पहुंचे तथा ओबीसी चयनित शिक्षकों को आश्वासन दिया कि मध्य प्रदेश की कमलनाथ जी की सरकार ने ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण दिया था लेकिन शिवराज सिंह जी की सरकार ने ओबीसी के साथ अन्याय किया है तथा ओबीसी वर्ग के साथ भेदभाव करते हुए विगत 17 माह से धरने पर बैठे ओबीसी अभ्यर्थियों की सुध नहीं ली है उन्होंने कहा कांग्रेस की सरकार बनते ही ओबीसी का 27% आरक्षण बहाल किया जाएगा तथा मार्च तक प्रत्येक चयनित शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण किया जाएगा और नियुक्ति प्रदान की जाएगी। उन्होंने प्राथमिक शिक्षकों के 51000 पदों पर भर्ती का आश्वासन भी कांग्रेस की सरकार बनने के तुरंत बाद का दिया है।
“कांग्रेस की सरकार बनते ही मार्च तक शिक्षक भर्ती की जांच कर प्रत्येक चयनित शिक्षक को नियमानुसार नियुक्ति प्रदान की जाएगी ये मेरा वचन है।” – दीपक जोशी