HomeE-Paperमध्यप्रदेश मे शिक्षकों की सेवा समाप्ति के आदेश जारी

मध्यप्रदेश मे शिक्षकों की सेवा समाप्ति के आदेश जारी

भोपाल। मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग तथा ट्रायबल वेलफेयर विभाग द्वारा सयुंक्त कॉउंसलिंग करके 22 हजार से अधिक पदों पर नियुक्तियां की गई है।उक्त नियुक्तियां दिनांक 30/03/2023 से अगस्त 2023 तक की गई है। जबकि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा याचिका क्रमांक 13768/22 में दिनांक 07/07/22 को अंतरिम आदेश पारित करके आगामी की जाने वाली प्राथमिक शिक्षकों की समस्त नियुक्तियों को सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका क्रमांक WP (C ) 355/2022 में पारित अंतरिम आदेश के अधीन कर दीं गई थी।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिनांक 11/08/23 को पारित अंतिम तथा विस्तृत फैसला में स्पष्ट किया गया है कि दिनांक 11/08/2023 के पूर्व प्राथमिक बी.एड. शिक्षकों को एक वर्ष के भीतर निर्धारित 6 माह का ब्रिज कोर्स करना अनिवार्य होगा तथा उक्त दिनांक के बाद की समस्त भर्तियां अवैध होगी।मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में पांच सैकड़ा से अधिक,डी.एल.एड. डिग्री धारियों द्वारा अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक शाह के माध्यम से, दायर याचिका क्रमांक 13768/22 से लिंक लगभग 10 अन्य याचिकाओ में जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा दिनांक 03/05/2024 को निर्णय पारित कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित निर्णय के अनुसार कार्यवाही करने के आदेश दिए गए थे।चुंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को एक वर्ष हो चुके है, लेकिन उक्त आदेशों के परिपालन में मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया है, अब अवमानना की कार्यवाही से बचने के के लिए आनन फ़ानन में, डीपीआई द्वारा प्रदेश के समस्त जिला शिक्षा अधिकारियो को जहाँ – जहाँ अवैधानिकता पूर्वक नियुक्तियां की गई है उनको एक पत्र जारी करके उन सभी प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियां निरस्त करने के आदेश जारी कर बी एड डिग्री धारियों की तत्काल नियुक्तियां निरस्त करने के आदेश जारी किए गए है।उक्त समस्त मामलो की पैरवी करने वाले अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 21-A में संरक्षित शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया जाकर निरंतर रूप से मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग युवाओं के भविष्य के साथ, खिलवाड़ कर रहा है।एक ओर हजारों अभ्यर्थियों को अवैधानिक रूप से होल्ड किया जा रहा है तथा सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश के वावजूद अवैधानिक रूप से बी एड डिग्रीधारियों की नियुक्तियां करके अब उन्हें पद मुक्त किया जाकर उनका भी भविष्य बर्बाद किया जा रहा है तथा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार प्राथमिक शिक्षक के पद हेतु योग्य डी.एल.एड. डिग्री धारियों को नियुक्तियों से वंचित कर दिया गया है।

ई-अख़बार

RELATED ARTICLES

Most Popular