•सुंद्रेल / बिजवाड़। मनुष्य को अपने जीवन का उद्धार करना है तो वृंदावन जाकर वहां की रज को मस्तक पर धारण करले जीवन के सारे संकट दूर हो जायेंगें। उक्त प्रसंग क्षेत्र के सुप्रसिद्ध भागवताचार्य पंडित कमलेश दीक्षित ने सुंद्रेल छेत्र के कई भक्तों की उपस्थिति में वृंदावन धाम में चल रही कथा के पहले दिन की कथा में सुनाया। आपने कहा कि भगवान कृष्ण साक्षात परब्रह्म है उनकी आराधना करने वाला भक्त कभी भी दुखी नहीं होता है।हर पल हरे कृष्ण, हरेकृष्ण का नाम जपते रहो जीवन धन्य हो जाएगा । आज हम है कल नहीं रहेंगे।लेकिन जिस उद्देश्य को लेकर मनुष्य जन्म मिला है वह उद्देश्य तभी पूरा होगा जब मनुष्य परमात्मा की शरण में जायेगा तभी जीवन सफल ओर पावन बनता है। वृंदावन की हर रज में भगवान कृष्ण विराजमान है।गोवर्धन ओर गिरिराज की पैदल परिक्रमा करने वाला भक्त हर संकट से मुक्त होकर परमधाम को प्राप्त हो जाता है। मनुष्य जीवन मिला है तो सकारात्मक विचारों से अपने को निर्मल बनाते हुए सत्कर्म करो।गरीबों की , गौमाता की। मातापिता की सेवा करो।यही जीवन का परम लक्ष्य है। संतों का सम्मान करो, गुरुओं , ब्राह्मणों का सम्मान करोगे तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होकर खूब आशीर्वाद मिलता है।कथा में मुख्य यजमान पंकज तिलहारिया,संतोष पंवार ने व्यासपीठ का सपत्नीक पूजन किया कथा में गायत्री परिवार के दिनेशचंद्र पंचोली, मुकेश जोशी, ओमप्रकाश वैष्णव, बलराम दीक्षित, सहित सुंद्रेल, कटाफोड सहित क्षेत्र के कई भक्तजन उपस्थित थे।