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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट मे डी॰एल॰एड॰ छात्रों द्वारा दायर याचिकाओ की सुनवाई संपन्न, आदेश हेतु प्रकरणों को किया रिजर्व

मध्य प्रदेश सरकार ने जानबूझकर अन्तरिम आदेश को दरकिनार करके कर दी गई है बी॰एड॰ डिग्रीधरियों की नियुक्ती, जबकी माह जुलाई 2022 मे हो चुकी थी स्थिति स्पष्ट

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिनांक 11/08/2023 को पारित निर्णय मे प्राथमिक शिक्षको की नियुक्तियो मे बी॰एड॰ डिग्री धारियो को अयोग्य घोषित किए जाने के फैसले पर क्लेरीफिकेशन हेतु मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट मे दायर पुनर्विचार याचिका की सुनवाई पूर्व शपथ पत्र दाखिल करके बताया गया है की कुल 21962 नियुक्तियों मे से 11583 बीएड अभ्यर्थियो को प्राथमिक शिक्षको के रूप मे नियुक्ती दी गई है। शेष डीएलएड को तथा सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिनांक 08/11/2023 के बाद प्रतीक्षा सूची मे से 284 बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थियो को नियुक्त किया गया है।पुनर्विचार याचिकाओ मे सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिनांक 08/04/24 को स्पष्ट/ क्लेरीफ़िकेशन करके कहा है की “(1)-दिनांक 08/11/23 के बाद प्राथमिक शिक्षको के रूप मे डी॰एड॰डिग्री धारियो की नियुक्तिया पूर्णरूप से है अवैधानिक (2)- जो नियुक्ती दिनांक 08/11/23 के पूर्व की गई है, तथा उक्त दिनांक के पूर्व संबन्धित हाईकोर्ट के अन्तरिम आदेश प्रवर्तन मे है, उनकी वैधानिकता के सम्बन्ध मे संबन्धित राज्यो की हाईकोर्ट फैसला करेगी।

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मध्य प्रदेश मे प्राथमिक शिक्षको की समस्त भर्तियो को हाईकोर्ट ने दिनांक 07/07/2022 को WP/13768/2022 मे किया है निर्णयाधीन

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर मे लगभग दो सैकडा से अधिक डी॰एल॰एड॰ छात्रों की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर द्वारा दायर एक दर्जन के लगभग याचिकाओ मे भारत सरकार सहित मध्य प्रदेश सरकार के भर्ती नियमो की संवैधानिकता को चुनोती दी गई है।उक्त समस्त याचिकाओ की सुनवाई आज दिनांक 24/04/24 को जस्टिस श्री शील नागू तथा जस्टिस श्री अमरनाथ केशवानी की खंडपीठ द्वारा की गई | सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य शासन को आदेशित किया गया था की प्राथमिक शिक्षको के रूप मे नियुक्त बी॰एड॰ अभ्यर्थियो का तारीख वार कंपरेटिव चार्ट प्रस्तुत करे लेकिन शासन की ओर से नहीं किया गया। उक्त चार्ट याचिका कर्ताओ की ओर से दाखिल किया गया।आज सुनवाई के दौरान महाधिवकता ने चार्ट दाखिल किए जाने हेतु एक माह का समय चाहा गया,लेकिन कोर्ट ने शासन को अब आगे समय देने से स्पष्ट इंकार करते हुए कहा गया कि यदि आप कोर्ट को असिस्ट नहीं करना चाहते तो कोई बात नहीं कोर्ट शेष पक्षकारों को सुनकर माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित फैसले के अनुक्रम में अपना निर्णय पारित करेगी, तब न्यायलय ने पूर्व निर्धारित समय 02:15 से 04:30 तक फाइनल सुनवाई करके समस्त प्रकरणों को निर्णय हेतु सुरक्षित कर लिया गया है।राज्य शासन को तीन दिन के अंदर चार्ट दाखिल किए जाने की मोहलत भी दे दी है।याचिका कर्ताओ की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कोर्ट को बताया की मध्य प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट मे दाखिल पुनर्विचार याचिका मे राज्य शासन की ओर से शपथ पत्र पर प्रस्तुत जानकारी के अनुसार अभी तक की कुल 21962 पदो की नियुक्तियों मे 11583 बी॰एड॰ डिग्री धारियो को नियुक्तीयाँ दी गई है।उक्त विवादित समस्त नियुक्तीयाँ माननीय हाईकोर्ट द्वारा याचिका कर्मांक 13768/2022 मे पारित अन्तरिम आदेश दिनांक 07/07/2022 के बाद की गई है।मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिनांक 30.3.2023 को 16427 नियुक्तियों मे 8799 बी॰एड॰ डिग्री धारियो तथा दिनांक 10/08/2023 को 5617 नियुक्तियों मे 2784 बी॰एड॰ डिग्री धारियो को नियुक्तीय प्रदान कर दी गई है।याचिका कर्ताओ की ओर पैरवी केआर रहे अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया की राज्य शासन द्वारा सुप्रीम कोर्ट मे दाखिल आँकड़ो के आधार पर उक्त याचिकाओ की अंतिम सुनवाई करके निराकृत किया जा सकता है, क्योकि राजस्थान हाईकोर्ट ने दिनांक 25/11/2021 को आदेश पारित कर NCTE की अधिसूचना दिनांक 18/06/2018 को असंवैधानिक घोषित कर दिया गया था जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिनांक 11/08/2023 को अपने आदेश मे पुष्टि करके राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को वैध करार दिया गया।फिर भी मध्य प्रदेश सरकार ने नियुक्तीय प्रदान करके अनावश्यक लेटीगेशनो को जन्म दिया गया है। उक्त समस्त तथ्यो को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन को स्पष्ट निर्देशित किया गया था की आगामी दिनांक 24/04/2024 को प्राथमिक शिक्षकों की समस्त नियुक्तियों का दिनांक वार तुल्नात्म्क चार्ट प्रस्तुत किया जाए लेकिन सरकार की ओर से नहीं किया गया। याचिकाकर्ताओ की ओर से पैरवी सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण,श्रीमति मीनक्षी अरोरा, रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह, मनदीप कालरा ने पैरवी की राज्य की ओर से एडवोकेट जनरल श्री प्रशांत सिंह ने की।

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