•भोपाल।प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव और सीनियर आईएएस इकबाल सिंह बैस के बंगले पर छापेमारी की। जांच एजेंसी की टीम शनिवार शाम को बैस के भोपाल के रातीबड़ स्थित बंगले पर पहुंची। पिछले दिनों बैस का नाम उज्जैन हवाई पट्टी (एयर स्ट्रिप) घोटाले में सामने आया था। आरोप है कि इकबाल सिंह बैस ने विमानन विभाग के सचिव और मुख्य सचिव रहते हुए एक कंपनी को अनुचित फायदा पहुंचाया है।
बता दें कि इकबाल सिंह बैस पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं। वे शिवराज सरकार में मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। इतना ही नहीं तत्कालीन राज्य सरकार ने उन्हें 6 महीने का एक्सटेंशन भी दिया था।बता दें कि इकबाल सिंह बैस पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं। वे शिवराज सरकार में मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। इतना ही नहीं तत्कालीन राज्य सरकार ने उन्हें 6 महीने का एक्सटेंशन भी दिया था।उल्लेखनीय है कि 2006 में शिवराज सरकार ने उज्जैन हवाई पट्टी को यश एयरवेज और सेंटॉर एविएशन एकेडमी (इंदौर) को 7 साल की लीज पर दिया था। लेकिन 2 साल के भीतर ही लीज की अवधि को बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया। लीज अवधि बढ़ाने का यह आदेश तत्कालीन विमानन सचिव इकबाल सिंह बैस ने दिया था। लोकायुक्त का कहना है कि हवाई पट्टी को लीज बढ़ाने में नियमों का पालन नहीं किया गया था। इसके अलावा यश एयरवेज को नाइट पार्किंग चार्ज के तौर पर 5700 किलो वजन के विमानों के लिए 100 रुपए और उससे अधिक वजन के लिए 200 रुपए चुकाने थे। लेकिन कंपनी की ओर से पार्किंग शुल्क की रकम सरकार के पास जमा नहीं की गई। साल 2016 में लीज खत्म होने पर सरकार ने कंपनी पर पार्किंग शुल्क की वसूली तय की। इसके बाद 10 मई 2021 में कैबिनेट मीटिंग में प्रस्ताव लाकर पार्किंग शुल्क माफ कर दिया गया। इस प्रस्ताव को तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी इकबाल सिंह बैस ने रखा था। लोकायुक्त की मानें तो यह पार्किंग शुल्क माफी का प्रस्ताव कैबिनेट को धोखे में रख कर मंजूर कराया गया था।