सुंद्रेल बिजवाड़।निष्कपट मन से की गई प्रार्थनाएं कभी व्यर्थ नहीं जाया करती हैं। जीवन पथ पर जब परिणाम हमारी आशा के विपरीत हों और हमारे हाथों में कुछ भी ना हो तो उन क्षणों में प्रभु से की गई प्रार्थना हमारे आशा के दीपक को प्रदीप्त रखती है। प्रार्थना के लिए स्वच्छ मन का होना बहुत आवश्यक है।किसी भी कर्म का परिणाम मनुष्य के हाथों में नहीं है मगर प्रार्थना उसके स्वयं के हाथों में होती है। उक्त प्रसंग वृंदावन धाम में चल रही भागवत कथा के चौथे दिवस के अवसर पर प्रखर भागवताचार्य कमलेश दीक्षित इकलेरा ने सुनाया।प्रार्थना व्यक्ति के आत्मबल को मजबूत करती है और प्रार्थना के बल पर ही व्यक्ति उन क्षणों में भी कर्म पथ पर डटा रहता है जब उसे ये लगने लगता है कि अब हार सुनिश्चित है। प्रार्थना में एक अदृश्य शक्ति समाहित होती है। आप प्रार्थना करना सीखिए, प्रार्थना आपको आशावान बनाकर तब भी पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़ना सीखाएगी जब घोर निराशा के बादल आपके चारों ओर मँडरा रहे हों। तब भगवान बांके बिहारी को याद कर लेना जीवन संवर जायेगा । आपने कहा कि घर पर कथा कराने से दस गुना फल प्राप्त होता है , तीर्थ में सौ गुना फल ओर गौशाला में कथा कराने से हजारों गुना फल प्राप्त होता है। जीवन में जब कोई साथ नहीं दे तो भगवान राधेकृष्ण के सामने बैठ जाना ओर करुणा के भाव से उसे याद करना जीवन की सारी कठिनाई समाप्त हो जायेगी। जीवन में सत्कर्मों से ही परिवार सत्संगी बनता है ।सत्संगी परिवारों में संत ओर विद्वान पैदा होते है । जब मन नहीं लगे तो भजन करना चाहिए।अपने शरीर को स्वच्छ , निर्मल ओर पावन रखो सारे पुण्य प्राप्त हो जायेगें।जो पुण्यवान होता है उसको किसी के सामने हाथ फेलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।भगवान के प्रति अगाध श्रद्धा रखो सारे काम आपके बन जायेंगें। परिवार में बच्चो को अच्छे संस्कार दो। सौ शिक्षक जितने अच्छे संस्कार नहीं दे सकते एक माता अपने बच्चों को सौ शिक्षकों से ज्यादा अच्छे संस्कार बच्चों को दे सकती है।कथा में भगवान कृष्ण का जन्म उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया ।माखन मिश्री का प्रसाद बांटा गया। कथा में पंडित पवन शर्मा वृंदावन सौरभ श्रोत्रीय, धीरज शर्मा , हेमंत दीक्षित, आनंद तिवारी, मोहित शर्मा, अविनाश द्विवेदी , सिद्धार्थ शुक्ला, मुकेश जोशी , दिनेशचंद्र पंचोली, राकेश जायसवाल ,राजा राणा सहित सुंद्रेल छेत्र के पचासों भक्तगणों ने व्यासपीठ का पूजन कर आशीर्वाद लिया।